-जो लोग कम चीज़ों के बारे में जानकारी रखते हैं, वे ज्यादा बोलते हैं। जबकि जो लोग ज्यादा जानकार होते हैं, वे कम से कम बोलना पसंद करते हैं।
-बिल्कुल चुप रहने से उदासी आने लगती है। यह मृत्यु की तरह है।
-जिस दुनिया में हम रह रहे हैं, यानी रियल वर्ल्ड की अपनी सीमाएं हैं। जबकि कल्पनाओं की दुनिया में कोई नियम-कानून नहीं है। वे पूरी तरह से आज़ाद है।
-जब कोई व्यक्ति सिर्फ और सिर्फ पैसे कमाने के बारे में सोचने लगता है तो उसके लिए सिर्फ सही सोचना मुश्किल हो जाता है।
-मनुष्य सिर्फ जन्म के वक्त पूरी तरह से आज़ाद होता है। उसके बाद से वह तरह-तरह की जंजीरों में बंधना शुरू कर देता है, जिससे आज़ादी खत्म हो जाती है।
-अच्छा व्यवहार रखना या दूसरों के साथ अच्छे तरीके से पेश आने से ज्यादा जरूरी चीज़ कोई नहीं है।
-हो सकता है कि मैं दूसरों से बेहतर भी हूं, लेकिन मैं दूसरों से अलग जरूर हूं। यह पक्का है।
-खुद के जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हर व्यक्ति रिस्क लेता है।
-शरीर में कमज़ोरी होने से दिमाग भी कमज़ोर होने लगता है।
-फूलों वाला, खूबसूरत पौधा लगाते वक्त पूरी दुनिया आपका साथ निभाएगी, लेकिन अगर आप जंगली पौधा लगाने के बारे में सोच रहे हैं तो परिवार का भी कोई व्यक्ति आगे नहीं आएगा।
-विज्ञान कोई ऐसी चीज़ नहीं , जिसके बारे में बच्चों को बताया या सिखाया जाए। बच्चों को विज्ञान को अनुभव करने का मौका दीजिए।
-मैं लंबे समय तक बच्चा बना रहा। आज भी कई ऐसी चीज़ें हैं जिनमें मैं बच्चे की तरह बर्ताव करता हूं।
हर व्यक्ति पूरी आजादी के साथ जीवन जी सकता है, लेकिन अगर एक बार वे इस आज़ादी को खो बैठे तो उसे वापिस हासिल करना बहुत मुश्किल है।
-किसी भी व्यक्ति के पास, दूसरे लोगों पर राज़ करने की प्राकृतिक ताकत नहीं होती है।
-दुनिया में जितने भी फल हैं, वे सभी के लिए हैं, लेकिन धरती किसी की भी नहीं है। वे यहीं रह जाएगी।
-पर्यावरण कभी, कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। यह हम ही हैं जो खुद को और एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाते हैं।
-धन्यवाद एक ड्यूटी है जो हम सभी को आनी चाहिए, लेकिन कभी, किसी को इसकी उम्मीद नहीं करनी चाहिए।