आज के दौर में ज्यादातर नियोक्ता आवेदकों से कंपनी एप्लीकेशन फॉर्म भरने के लिए कहते हैं, जिससे वह कंपनी की जरूरतों के मुताबिक उम्मीदवार की क्षमताओं का आकलन कर सकें। इस स्टैंडर्ड फॉर्म से कंपनी के समक्ष यह जाहिर होता है कि उम्मीदवार प्रस्तावित पद के प्रति कैसी एप्रोच रखता है।
इससे यह भी पता चलता है कि नियोक्ता भर्ती के प्रति ज्यादा पारदर्शी और तार्किक नजरिया अपनाता है। बेहतर यही है कि आप ऐसे कुछ एप्लीकेशन फॉर्म डाउनलोड कर उन्हें भरने की प्रैक्टिस करें। हालांकि जब आप किसी कंपनी का आवेदन-पत्र भरते हैं तो साफ है कि आपका आकलन कंपनी द्वारा पहले से तय मापदंडों के आधार पर किया जाएगा।
शिक्षा:
अगर कंपनी एप्लीकेशन फॉर्म में आपकी शैक्षणिक योग्यता या मार्क्स दर्शाने के लिए कम जगह दी गई है तो जरूरी है कि अपनी प्रमुख उपलब्धियों और मार्क्?स को विस्तार में लिखने की बजाए संक्षिप्त लिखें। इसके अलावा आप एक अलग शीट लेकर भी उसमें अपनी शैक्षणिक योग्यता का जिक्र कर सकते हैं या अतिरिक्त बॉक्स में पूरा विवरण दें।
कार्यानुभव:
अपनी मौजूदा जॉब से शुरुआत कर पिछले कार्यानुभवों को क्रमवार दर्शाएं। अगर आधिकारिक तौर पर आपके पास पहले कोई नौकरी नहीं थी, तो अपने किसी ऐसे एक काम के बारे में सोचें जो कंपनी के समक्ष आपकी पोजीशन को बेहतर ढंग से दर्शा सके। अपनी भूमिका से जुड़ी उपलब्धियों या जिम्मेदारियों का वर्णन इस प्रकार करें, जिससे आपकी वह खूबियां उजागर होती हों, जिनकी कंपनी को जरूरत है।
रुझान व उपलब्धियां:
ऐसे की-वर्डस का इस्तेमाल करें जो आपकी योग्यता को सीधे तौर पर जाहिर करें। असाधारण उपलब्धियों के जरिए नियोक्ता को प्रभावित करने की राह तलाशने के बगैर कोशिश यह करें जिससे नियोक्ता समझ सके कि आपका काम करने का तरीका और व्यवहार कैसा है।
रिफ्रेंसेस:
एप्लीकेशन फॉर्म में आप जिन व्यक्तियों या संस्थानों का हवाला दें, उन्हें पता हो कि नियोक्ता द्वारा उनसे संपर्क किया जा सकता है। फॉर्म भेजने से पहले किसी उपयुक्त शख्स से चेक करवा लें। साक्षात्कार की सिलसिले में अपने आवेदन और कंपनी द्वारा जारी विज्ञापन की कटिंग भी रखें।