बातचीत करने के लिए किसी लाइट टॉपिक का चयन करिए
नकारात्मकनजरिया रखने वाले लोग हमेशा लड़ने वाले टॉपिक निकालते हैं। उनका फोकस हॉट टॉपिक्स पर रहता है। ऐसे टॉपिक्स का हिस्सा बनने पर भी लोग आक्रामक हो जाते हैं, जबकि अपनी सोच को सकारात्मक रखने के लिए लाइट और इज़ी टॉपिक्स पर ही चर्चा करिए। लाइट टॉपिक्स पर ज्यादा बहस नहीं होगी। ऐसे टॉपिक्स में सबका मूड भी अच्छा रहता है। माहौल में सकारात्मकता बनी रहती है। जबकि नकारात्मक टॉपिक हमेशा बहस झगड़ों को जन्म देते हैं।
सोच-समझकर जवाब दीजिए, रिएक्ट मत करिए
जबहम रिएक्शन देते हैं तो वे लड़ाई का कारण बनता है। चूंकि वे एकदम मुंह से निकलता है, इसलिए अपशब्द भी निकल सकते हैं। रिएक्शन, ईगो के कारण पैदा होता है, जबकि सोच-समझकर किसी बात का जवाब देने को रिस्पॉन्स कहा जाता है। रिस्पॉन्स देते वक्त आप सोचकर बोलते हैं, जिससे कोई अपशब्द या बुरा व्यवहार पैदा नहीं होता है। रिस्पॉन्स देने से आप परिस्थितियों को बेहतर बनाने का प्रयास करते हैं। कि लड़ाई को बढ़ाने में। नकारात्मकता से भी दूर रहते हैं।
अपना ध्यान हमेशा सॉल्यूशन पर रखिए, समस्या पर नहीं
सकारात्मकलोगों का जीवन ही सकारात्मकता पर आधारित होता है। वे हर बात में सकारात्मक सोच रखते हैं। अगर वे किसी समस्या में घिर जाते हैं, तो भी सकारात्मकता रवैया अपना लेते हैं और अपना ध्यान सॉल्यूशन पर रखते हैं, जबकि नकारात्मक लोग, समस्या पर ही लड़ाई-झगड़े करने लग जाते हैं। वे कभी समाधान निकालने का प्रयास नहीं करते हैं। सकारात्मक लोग दूसरों के नजरिये के साथ भावनात्मक तौर पर जुड़ते नहीं हैं। खुद को दूर रखना पसंद करते हैं।
खुशहाल जीवन के लिए ज्यादातर लोग अपनी सोच को सकारात्मक रखना पसंद करते हैं। वे हर चीज में खुशी का अनुभव करने में यकीन रखते हैं, लेकिन बहुत बार दूसरों की नकारात्मक सोच से खुद को दूर रखने में विफल हो जाते हैं। दूसरों की नकारात्मकता में फंस कर, वे अपना जीवन बर्बाद करने लग जाते हैं। जानिए तीन ऐसी बातों के बारे में जिन्हें याद रखने से दूसरों की नकारात्मक सोच से दूर रहना आसान हो जाएगा।