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Stage Appearance to Boost up Confidence

पढ़ाई से इसलिए जी चुराते हैं बच्चे: 

बच्चों, गर्मी की छुटि्टयों में आपको होमवर्क भी मिला होगा। आपमें से कई बच्चे छुटि्टयों को इसलिए भी एंजॉय नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें यह डर लगता है कि जब स्कूल खुलेंगे, तो उन्हें फिर पढ़ना पड़ेगा। यदि आपमें इस तरह का स्टडी फोबिया है, तो आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा।
Padhai se Isliye Jee Churatey Hain Bachche
अ क्सर देखा जाता है कि सुबह-सुबह स्कूल का नाम सुनते ही बच्चे नाक-भौं सिकोड़ने लगते हैं। स्कूल जाने के नाम से ही उनके पेट, सिर या पैर और टांगों में दर्द होने लगता है या फिर वे छुट्टी करने के लिए कोई और बहाना बनाने लगते हैं। यदि उन्होंने होमवर्क नहीं किया है तो भी वे टीचर की डांट के डर से बचने के लिए कोई न कोई बहाना तैयार रखते हैं। यह फोबिया परीक्षा के आते-आते और भी बढ़ जाता है।

क्या हंै फोबिया के लक्षण
आपमें से कई बच्चे अक्सर पढ़ाई से जी चुराने लगते हैं। स्कूल मिस करने के लिए तरह-तरह के बहाने ढूंढने लगते हैं। पढ़ाई के बढ़ते प्रेशर से उसकी भूख-प्यास मर जाए या वह बिना वजह चिड़चिड़ा हो जाए तो समझ जाएं कि आपका बच्चा स्टडी फोबिया का शिकार हो गया है। इस कारण बच्चे के वजन में कमी, लूज मोशन आदि समस्याएं भी देखने में आती हैं।
ये भी हंै कारण
आजकल स्कूल स्तर से ही बच्चों में आपसी प्रतियोगिता का भाव घर कर जाता है। हर बच्चा एक-दूसरे से आगे निकलना चाहता है। इस कोशिश में अनजाने में ही बच्चे अपनी सेहत का ख्याल रखना भी भूल जाते हैं। कई बार तो उनकी सारी दुनिया ही किताबों में सिमट जाती है। पढ़ने के दौरान जरा सी कठिनाई पर विषयों को समझने की अपेक्षा उनसे दूर होता चला जाता है।

इन बातों को अमल में लाएं
अपनी पढ़ाई को सुविधानुसार बांटकर हर विषय के लिए एक स्लॉट बना लें।
कठिन लगने वाले विषय को फ्रैश माइंड के समय पढ़नेे की आदत डालें।
पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों जैसे खेल-कूद, ड्राइंग और व्यायाम आदि के लिए समय निकालें। कोई हॉबी विकसित करें और उसके लिए समय निकालें।
हर रोज थोड़ा वक्त परिवार के सभी सदस्यों के साथ भी बिताएं।
पर्याप्त नींद लें, नींद से जबरन उठ कर खुद को पढ़ाई के लिए मजबूर न करें, इससे आप कुछ भी याद नहीं रख पाएंगे।
हमेशा याद रखें कि पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ख्याल रखना जरूरी है।
स्टडी और आम जीवन के बीच संतुलन बनाना सीखें।
शुरू हो जाते हैं बहाने
इमोशनल स्ट्रेस से बच्चों में स्टडी फोबिया या किसी अन्य प्रकार का फोबिया हो सकता है। स्कूल में बच्चे की अन्य बच्चों से दोस्ती न होना, टीचर का डांटना या किसी विशेष सब्जेक्ट के समझ न आने से डरना आदि बातों से उन्हें स्टडी फोबिया होने लगता है।

यही कारण है कि कुछ बच्चे स्कूल जाने से पहले पेट दर्द, सिर दर्द जैसे बहाने बनाने लगते हैं। ऐसे में यह प्रयास करना चाहिए कि उनकी ये समस्या ज्यादा न बढ़े। स्टडी फोबिया के बढ़ने पर बच्चों को बिहेवियर थैरेपी भी दी जाती है। इसमें डाॅक्टर बच्चों से बातकर उनकी परेशानी जानते हैं। फिर उनके ढंग से समझाकर उन्हें फोबिया से छुटकारा दिलाते हैं।
आपको स्टडी फोबिया है तो इन बातों का रखें ध्यान

Padhai se Isliye Jee Churatey Hain Bachche | How to Motivate Child to study in hindi 

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