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आमतौर पर माना जाता है कि इंटरव्यू का मतलब सिर्फ पूछे जाने वाले सवालों का जवाब देना है। मगर यह धारणा गलत है। इंटरव्यू के दौरान अगर इंटरव्यू देने वाला उम्मीदवार भी नियोक्ता से कुछ समझदार सवाल करे, तो इससे भी वह नियोक्ता पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इंटरव्यू में शामिल होने वाला उम्मीदवार अगर इंटरव्यू बोर्ड के सामने कोई सवाल नहीं रखता है, तो इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है। यह संदेश भी जा सकता है कि आप सिर्फ आमदनी बढ़ाने के लिए यह जॉब पाना चाहते हैं। दरअसल, इंटरव्यू का महत्व सिर्फ एंप्लॉयर्स के लिए ही नहीं होता, बल्कि उम्मीदवार को भी इस दौरान कंपनी के कामकाज, अपने जॉब प्रोफाइल और उससे कंपनी की उम्मीदों के बारे में पूछताछ करनी चाहिए।

हालांकि, बेतुके सवाल दागने से परहेज करें। सिर्फ अपने फायदे, सैलरी, इन्सेंटिव, बोनस, काम के घंटों आदि से जुड़े सवाल ही न पूछें। यह सवाल न पूछने से भी गलत साबित होगा। अगर आप कंपनी के वैल्यू सिस्टम, मैनेजमेंट स्टाइल, बिजनेस प्लान, चुनौतियों आदि के बारे में पूछेंगे, तो इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।

माना जाता है कि जो लोग इंटरव्यू में जाने से पहले उस कंपनी के बारे में काफी जानकारियां इकट्ठा कर लेते हैं, उन्हें जॉब मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसका कारण यह है कि आप उस कंपनी की पॉलिसीज और काम करने के तरीके से पहले ही वाकिफ हो जाते हैं और इंटरव्यू बोर्ड को यह विश्वास दिला पाते हैं कि आप कंपनी के लिए फायदेमंद रहेंगे। कंपनी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए आप वहां के कर्मचारियों, बिजनेस पत्रिकाओं या कंपनी के पुराने कर्मचारियों की मदद ले सकते हैं।

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