डिप्रेशन से यूँ पाएं छुटकारा Depression Causes Symptoms Diagnosis Treatment are here to let you know detail information about depression. Read on.
क्या आपको छोटी सी बात का बहुत तनाव हो जाता है। क्या आप कभी-कभी डिप्रेशन महशुस करते हैं। या फिर बहुत नाराज़ हो जाते हैं। इन सबका मूल कारण हमारे सूक्ष्म शरीर में आने वाली नकारात्मक ऊर्जा है।
हमारे सूक्ष्म शरीर में मुख्यतः कुंडलिनी, तीन नाड़ियां तथा सात चक्र जन्म से ही विद्यमान हैं।
ये नाड़ियां चक्र हमारे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक तथा आध्यात्मिक पक्ष को नियन्त्रित करते हैं। इनकी अपनी-अपनी विशेषता गुण होते हैं। ध्यान द्वारा हम अपने चक्रों नाड़ियों की स्थिति अपने हाथों पर महसूस कर सकते हैं, उनके विकारों को आसानी से ठीक कर सकते हैं उनके गुणों को आत्मसात कर सकते हैं। कुरान में लिखा है कि कियामा (पुनरुत्थान) के समय आपके हाथ बोलेंगे।
ध्यान द्वारा कुंडलिनी जागृति से असीम शांति एवं आनंद की अनुभूति होती है, आंतरिक परिवर्तन स्वतः जाता है। वर्तमान तनावपूर्ण तथा प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में भी सामंजस्य बनाना सरल हो जाता है और हम आनंदमय, शांतिमय तथा मधुर सम्बन्धमय जीवन प्राप्त करने में सक्षम होते हैं। इससे तमाम लाइलाज बीमारियां भी ठीक हुई हैं। तनाव, डिप्रेशन और नाराजगी जैसे निगेटिव इमोशन्स से छुटकारा मिल जाता है।
ध्यान मानव में स्थित ईश्वरीय शक्ति कुंडलिनी का परमात्मा की सर्वव्यापी शक्ति से योग है। कुंडलिनी परमात्मा की ही शक्ति है, जो मनुष्य की रीढ़ की हड्डी के नीचे त्रिकोणाकार अस्थि में साढ़े-तीन कुंडलों में विद्यमान है। कुंडलिनी जागरण का उल्लेख विश्व के लगभग सभी धर्म ग्रंथों में मिलता है। बाईबल में इसे कूल ब्रीस आफ होली कहा है। कुंडलिनी का जागरण सही प्रकार से मध्य नाड़ी से होना आवश्यक है। कुंडलिनी के गलत जागरण से नुकसान हो सकता है।
-शांत एवं एकाग्र चित्त
(स्वाधिष्ठान चक्र से)
-स्मरण शक्ति तथा सृजनशीलता में वृद्धि
(स्वाधिष्ठान तथा मूलाधार चक्र द्वारा )
-आत्मिक शांति, संतोष (नाभि चक्र द्वारा)
-प्रेम एवं करुणामय आचरण, आत्म विश्वास में वृद्धि (ह्दय चक्र से)
– मधुर वाणी स्वभाव (विशुध्दि चक्र से)
– क्षमा शक्ति, सहन शीलता धैर्य में वृद्धि
(आज्ञाचक्र से)
-सबके प्रति प्रेम (सहस्रार चक्र द्वारा)
– जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण
(बायां पक्ष, इड़ा नाड़ी से)
-कार्य क्षमता में वृद्धि