-हमारे पास क्या नहीं है और किन चीज़ों से हमें आनंद मिलता है, इन्हीं से हमारा व्यक्तित्व बनता है।
– कुछ भी पर्याप्त नहीं है उस आदमी के लिए जिसके लिए बहुत भी कम होता है। जो कम में संतुष्ट नहीं वह किसी चीज से संतुष्ट नहीं हो सकता।
– हमारे दोस्तों की मदद नहीं जो हमारी मदद करती है, बल्कि उनकी ओर से मदद मिलेगी यह भाव हमेें भरोसा देता है।
-समझदार आदमी का दुर्भाग्य मूर्ख की समृद्धि से बेहतर होता है।
– जिसके दिमाग में शांति होती है वह खुद परेशान होता है और दूसरों को सताता है।
– दोस्तों के बिना खाना-पीना शेर और भेड़िये की तरह खाना है।
-आपके पास जो नहीं है उसके लिए जो है उसे नष्ट मत कीजिए। याद रखना चाहिए जो आज अापके पास है वो उन चीजों में है, जिसकी अापने कभी इच्छा की थी।
-मौत हमारी चिंता नहीं होना चाहिए, क्योंकि जब तक हमारा अस्तित्व है तब तक मौत कहीं नहीं है। और जब वह आती है तब हमारा अस्तित्व नहीं होता।
– मूर्खका जीवन आभार से खाली होता है और डर से भरा रहता है। भविष्य के प्रति उसका नजरिया झूठ से भरा होता है।
– जितनी बड़ी परेशानी सामने होगी उतनी बड़ी कीर्ति मिलेगी।
– अाप अपने रिश्तों में हर रोज खुश होकर धैर्य नहीं रख सकते। अापको मुश्किल समय में साथ देकर और बुरे दिनों को चुनौती देकर यह हासिल करना होती है।
– अगर भगवान इंसान की प्रार्थना सुन रहा होता तो पूरी मानवजाति जल्द ही खत्म हो जाती, क्योंकि लोग एक-दूसरे के लिए बुरा सोचते हैं।
– जिसे कल के लिए बहुत कम की जरूरत है, वह कल का सबसे खुशी से स्वागत करेगा।
– किसी भी दार्शनिक के वे शब्द बेकार हैं जो किसी की चिंताओं का समाधान नहीं करते।
-जितनी बड़ी परेशानी, उतनी बड़ी कीर्ति मिलेगी