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श्री कृष्णा स्ट्रेस मैनेजमेंट टिप्स | Stress Management Tips by Lord Krishna

आप हर दिन को एक जैसा मान कर अपनी आंखें बंद कर सकते हैं। हर दिन अलग है। हर दिन अपने साथ एक नया कौतुक लाता है। बस आपको उस कौतुक को ढूंढऩा होता है। – पॉलो कोहेलो Mahapurushon ke Anmol Vachan in Hindi

जि़ंदगी के कुछ पल, जब मुश्किलें हमारे जीवन में आती हैं, हम उनसे बचने के लिए कुछ नहीं कर सकते। पर उनके होने का भी सबब होता है और यह हमें तब समझ आता है जब हम उनका सामना कर चुके होते हैं। – पॉलो कोहेलो-
–हम आज जहां हैं और जो हैं, वह हम अपने अतीत के विचारों के कारण ही हैं और हमारे भविष्य का स्वरूप भी हमारे आज के विचार ही तय करने वाले हैं, हमारे विचार ही हमारा जीवन बनाने या बिगाडऩे वाले होतेे हैं। -बुद्ध

सजगता अमरता का पथ है, असजगता मरण का पथ है। जो सजग रहते हैं वे कभी नहीं मरते और जो सजग नहीं हैं, वे पहले ही मर चुके हैं।
बुद्ध

जीवन खुद को तलाशना नहीं, खुद को तराशने का नाम है। – बर्नाड शॉ

Anmol Vachan in Hindi

हम अतीत को याद करते हुए बुद्धिमान नहीं होते वरन भविष्य के दायित्वों को सोचकर बुद्धिमान बनते हैं। – बर्नाड शॉ
सभी महान चीजें साधारण हुआ करती हैं, उनमें से अधिकतर को तो एक शब्द में ही व्यक्त किया जा सकता है — स्वतंत्रता, न्याय, सम्मान, कर्तव्य, दया, आशा… – विंस्टन चर्चिल
मुट्ठीभर संकल्पवान लोग, जिनकी लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा बदल सकते हैं। – महात्मा गांधी

जैसे अधिकतर लोग अपनी दुर्बलता को नहीं जानते वैसे ही अधिकतर लोग अपनी क्षमताओं को भी नहीं जानते। – जोनाथन स्वि$फ्ट
न्याय से बढ़कर कोई रक्षक नहीं, विचार से बढ़कर कोई राजा नहीं, पदार्थ से बढ़कर कोई खडग़ नहीं और सत्य से बढ़कर कोई सत्य नहीं। – सुकरात
जान में हो या अजान में, संसार में गलती करने पर उसका दंड भोगना ही पड़ता है।
– अरस्तू
दूसरे की दया सब लोग खोजते हैं और स्वयं करनी पड़े तो कान पर हाथ रख लेते हैं।
– जयशंकर प्रसाद
रणनीति कितनी भी अच्छी क्यों न हो, उसके परिणामों पर भी विचार किया जाना बेहद जरूरी होता है।
– विंस्टन चर्चिल
बुद्धिमान विवेक से, साधारण मनुष्य अनुभव से, अज्ञानी आवश्यकता से और पशु स्वाभाव से सीखते हैंं।
– सिसरो
बुद्धिमान इसलिए बोलते हैं, क्योंकि उनके पास बोलने के लिए कुछ होता है, जबकि मूर्ख सिर्फ बोलने के लिए बोलते हैं।
– प्लेटो

Mahapurushon ke Anmol Vachan in Hindi
डाक टिकट की तरह बनिए, मंजिल पर जब तक न पहुंच जाएं अपनी जगह पर जमे रहिए।
– जॉश बिलिंग्स
जीवन को कुछ हम बनाते हैं और कुछ वे मित्र जिन्हें हम चुनते हैं।
– टेनेसी विलियम्स
लोग अकेले इसलिए होते हैं, क्योंकि वे मित्रता का पुल बनाने के बजाय दुश्मनी की दीवारें खड़ी कर लेते हैं।
– जोसेफ फोर्टन्यूटन
भाषा की मर्यादा रखना जरूरी है, क्योंकि भाषा बिगड़ती है तो जीवन में उथल-पुथल मच जाती है।
– मुनिश्री तरुणसागर
घोड़ा अपने साज से नहीं, गुणों से जाना जाता है। इसी तरह आदमी की कद्र उसकी दौलत से नहीं, सद््गुणों से होती है।
– सुकरात
पुरुष का जीवन संघर्ष से आरंभ होता है और स्त्री का समर्पण से।
– महादेवी वर्मा
जो प्रेम अपने को नित्य नवीन नहीं रखता, वह पहले आदत का रूप धारण कर लेता है और फिर दासता में परिवर्तित हो जाता है।
खलील जिब्रान
जो मनुष्य नारी को क्षमा कर सकता, उसे उसके महान गुणों का उपयोग करने का कभी अवसर प्राप्त न होगा। खलील जिब्रान
जब जि़ंदगी को अपने गीत सुनाने के लिए गायक नहीं मिलता, उसे वह अपने मन के विचार सुनाने के लिए, दार्शनिक पैदा कर देती है। खलील जिब्रान
अमीर और गरीब का फर्क कितना नगण्य है। एक ही दिन की भूख और एक ही घंटे की प्यास दोनों को समान बना देती है। खलील जिब्रान
– जीवन में न आंसुओं का मूल्य है न भावना का। केवल सहना ही सत्य है। बिना सहे तो कोई गति नहीं है। अपने प्रति भी निर्दय होना पड़ता है…नरेश मेहता
– दरअसल, जो इतना दुखी होता है, वह कतई दुखी नहीं होता : सबसे दीन-हीन लोगों की भी कुछ अंदरूनी सांत्वनाएं, कुछ उम्मीदें होती हैं, जिन्हें वे कलेजे से लगाए रखते हैं…
ओरहान पामुक
– विवेक पर किसी एक महाद्वीप या जाति का एकाधिकार नहीं है। मैं खुशी से मानता हूं कि अच्छाई की एक नई शक्ति का प्रादुर्भाव पश्चिम में हुआ है, जो हमारे लिए भी हितकर है।
महान साहित्य की सबसे अद्भुत बात ये है कि ये पढऩे वाले को, लिखने वालों में तब्दील कर देता है।
– ई. एम. फोस्र्टर
साहित्य और पत्रकारिता के बीच यही भेद है कि पत्रकारिता अपाठ्य है और साहित्य को पढ़ा ही नहीं गया है।
– ऑस्कर वाइल्ड
साहित्य में अज्ञानता के बारे में शेखी नहीं बघारी जा सकती, पर विज्ञान में अनभिज्ञता और गणित में अयोग्यता को गर्व के साथ कहना, सामाजिक रूप से स्वीकृत है।
– रिचर्ड डॉकिन्स
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जब तक नदियों को उनका प्यारा समुद्र नहीं मिलता तब तक उनकी धारा नहीं रुकती। जब तक देवताओं को अमृत नहीं मिल गया, तब तक वे समुद्र का मंथन करते नहीं थके। जो मूर्ख कार्य आरंभ कर पीछे हट जाएगा, उसे भला सिद्धियां कैसे प्राप्त होंगी?
– रामचरित उपाध्याय

मैं तो प्रतिदिन यही अनुभव करता हूं कि मेरे भीतरी और बाहरी जीवन के निर्माण में कितने अगणित व्यक्तियों के श्रम और कृपा का हाथ रहा है और इस अनुभूति से उद्दीप्त मेरा अंत:करण कितना छटपटाता है कि मैं कम से कम इतना तो इस दुनिया को दे सकूं जितना मैंने उससे अभी तक लिया है।
– आइंस्टाइन

यदि मनुष्य प्यास से मर जाए तो मर जाने के बाद भी अमृत के सरोवर से क्या लाभ? यदि खेती सूख जाए तो वर्षा से क्या लाभ? यदि कोई मनुष्य अवसर चूक जाए तो उसका पछताना निष्फल है।
– गोस्वामी तुलसीदास

अपने विषय के लिए अपनी आत्मकथा लिखना एक कठिन तथा नाजुक विषय है। यदि वह अपनी निंदा करे तो उसके दिल में चोट लगती है और यदि प्रशंसा करे तो पाठकों के कानों में खटकती है।
– अब्राहम काउले

दुनिया में दो ही ताकतें हैं — तलवार और कलम। और अंत में तलवार सदा कलम से पराजित होती है।
– नेपोलियन

सच्ची कविता सदैव चेतना के किसी सूक्ष्म स्तर से आया करती है। सृजनात्मक प्राण इसका वाहक है और हमारा बाह्य मन इसको व्यक्त करने का उपकरण है।
– अरविंद घोष

मानव चरित्र न बिल्कुल श्यामल होता है न बिल्कुल श्वेत। उसमें दोनों रंगों का विचित्र सम्मिश्रण होता है। यदि स्थिति अनुकूल हुई तो वह ऋषितुल्य है, प्रतिकूल हुई तो नराधम।
– प्रेमचंद

एक ही वायु है। एक ही पानी है। उससे बनाकर अपनी रसोई को दूसरों की रसोई से भिन्न मान लेते हैं। एक ही पृथ्वी से मिट्टी लेकर चूल्हा-चौका पोता फिर बताओ छूत कहां से लगी।
– कबीर

जनता में बहुत शक्ति है। इसकी हुंकार से बड़े-बड़े महल धराशायी हो जाते हैं। उसकी सांसों के वेग से राजाओं के मुकुट हवा में उड़ जाते हैं। समय में वो शक्ति नहीं है, जो जनता का रास्ता रोके। मृत्यु भी इसके इशारे पर नाचने लगती है।
– रामधारीसिंह दिनकर

जीवन का उद्देश्य है — समष्टि के प्राणों के साथ एकरस हो जाना। व्यक्ति को छिटका हुआ अलग अनुभव करे। समस्त के साथ अभिनेता अनुभव करे। यही उसकी मुक्ति है, यही उद्देश्य है।
– जैनेंद्र कुमार

जीवन का पहला और स्पष्ट लक्षण है विस्तार। यदि तुम जीवित रहना चाहते हो तो तुम्हें फैलना ही होगा। जिस समय तुम जीवन का विस्तार बंद कर दोगे, उसी क्षण जान लेना कि मृत्यु ने तुम्हें घेर लिया है। विपत्तियां तुम्हारे सामने हैं।
– विवेकानंद

समुद्र में रहने वाला बिंदु समुद्र की महत्ता का उपभोग करता है। परंतु उसका उसे ज्ञान नहीं होता। समुद्र से अलग होकर ज्यों ही अपनेपन का दावा करने चला कि उसी क्षण सूखा।
– महात्मा गांधी

जिसके पास धन है, वही मनुष्य कुलीन है। वही पंडित है। वही बहुश्रुत, गुणज्ञ, सुवक्ता तथा दर्शनीय है। संसार के सभी गुण धन में बसते हैं।
– भर्तृहरि

धनवानों के हाथ में माप ही एक है। वह विद्या, सौंदर्य, बल, पवित्रता और तो और हृदय भी उसी से मापते हैं। वह माप है — उनका ऐश्वर्य।
– जयशंकर प्रसाद

कृपया और धन्यवाद ये छोटी-छोटी रेजगारी हैं, जिनके द्वारा हम सामाजिक प्राणी होने का मूल्य चुकाते हैं। ये ऐसे साधारण शिष्टाचार हैं, जिनके द्वारा हम जीवन यंत्र को स्नेह युक्त और चालित रखते हैं।
– गार्डनर

यदि तुम्हारा हृदय पवित्र है तो तुम्हारा आचरण भी सुंदर होगा। यदि आचरण सुंदर है तो तुम्हारे घर में शांति रहेगी। यदि घर में शांति है तो राष्ट्र में सुव्यवस्था रहेगी। और यदि राष्ट्र में सुव्यवस्था है तो समस्त विश्व में शांति और सुख रहेगा।
– कन्फ्यूशियस

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