स्कूल-कॉलेज आदि से निकले अधिकतर छात्र इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि उन्हें अपने करियर को क्या दिशा  देनी है। उन्हें यह मालूम नहीं होता कि क्या करना चाहिए?आजकल अनेक करियर विकल्पों के उपलब्ध होने के कारण व अनेकों इंस्टीट्यूट्स के कारण यह दुविधा स्वाभाविक भी है, और ऐसे समय में यह निर्णय करना कि किस इंस्टीट्यूट का चुनाव करना सही होगा,वास्तव में एक महत्तवपूर्ण कदम साबित होता है। इससे पूर्व छात्र को निश्चित रूप से अपनी रूचियों व योग्यताओं का सटीक आकलन करना जरूरी होता है। इंस्टीट्यूट का चुनाव भूसे के ढेर से सुई खोजने के समान है। दरअसल, किसी भी इंस्टीट्यूट की खोज वहीं से शुरू होती है,जब आपको मालूम रहता है कि आपको क्या कोर्स इत्यादि करना है? करियर के लक्ष्य क्या हैं? वास्तव में एक छात्र को यह कल्पना करनी चाहिए कि वह आज से  15 वर्ष बाद स्वयं को कहां देखना चाहता है? और उसी अनुसार इंस्टीट्यूट के विकल्पों के बारे में सलाह लेनी चाहिए।आदर्श स्थिति तो वह है, जहां छात्र अपने अभिवृत्ति और अपेक्षाओं का विश् लेषण करें और फिर मिलाएं कि क्या अमुक  इंस्टीट्यूट उन्हें वह सब उपलब्ध करा पाएगा,जो वे उम्मीद करते हैं? लेकिन किसी इंस्टीट्यूट के चुनाव से पूर्व आप अपने लिए सही विषय का चुनाव करें।

खोज की सूची-
अपने लिए सही इंस्टीट्यूट का चुनाव करते समय इन बातों का ध्यान रखें-
-आप जो कोर्स करना चाहते हैं,उसके लिए सबसे लोकप्रिय व विश्वसनीय इंस्टीट्यूट कौन सा है?
-प्रॉस्पेक्ट्स,वेबसाइट या उसके बारे में छपी जानकारियों को एकत्र करें।
-अपने दोस्तों व जो छात्र कोर्स कर चुके हैं, या उसी इंस्टीट्यूट में कोर्स कर रहे हैं,उनसे बात कर जानकारी लें।
-इस बात को महत्तव न दें कि इंस्टीट्यूट कहां पर स्थित है?
– आसान रास्तों की खोज न करें। कई बार हमें दो या ज्यादा इंस्टीट्यूट्स के बारे में यह मालूम पड़ता है कि वे एक जैसे कोर्स करवा रहे हैं,लेकिन एडमिशन के मामले में एक संस्थान द्वारा कुछ ज्यादा ही सहूलियतें देते देख हम झट से उसे चुन लेते हैं।जबकि हम दोनों संस्थानों के बारे में गहराई तक पता करना चाहिए।फैकल्टी,छात्रों और उस विषय के कार्यक्षेत्र से जुड़े लोगों से बात करनी चाहिए उसके बाद ही निर्णय लेना चाहिए।
सही इंस्टीट्यूट को हमेशा महत्तव दें,कम फीस या घर के करीब बने फर्जी इंस्टीट्यूट्स के जाल में न फंसें।
लम्बी अवधि के लक्ष्यों का विश£ेषण करें,एक इंस्टीट्यूट जिसे आप आज चुनते हैं,उसे आपकी योजनाओं की दिशा में सहयोगी होना चाहिए।
-किसी भी इंस्टीट्यूट में प्रवेश लेकर आने वाले भविष्य को खराब करने से अच्छा है कि आप सही इंस्टीट्यूट में प्रवेश के एि एक या दो साल की तैयारी का समय खुद को दें।
-शैक्षणिक प्रतिष्ठा के अतिरिक्त इंस्टीट्यूट की इन्फ्रास्ट्रक्चर,वहां की फैकल्टी व गुणवत्ता को भी देखना चाहिए। इंस्टीट्यूट की लोकप्रियता या नाम के प्रभाव में अपने पसंद के विषय को नहीं छोडऩा चाहिए,अमूमन देखा जाता है कि छात्र यह महसूस करते हैं कि  इंस्टीट्यूट  एक ब्राण्ड नेम की तरह काम करते हुए उनके लिए

नौकरी के अवसर उपलब्ध कराएगा।
– किसी भी प्रकार के निर्णय पर पहुंचने से पूर्व यदि कोई दुविधा की स्थिति है तो फैकल्टी हैड से बात करें या उनके ईमेल एड्रेस पर अपनी उलझनों या सवालों का निराकरण कर्रें। ज्यादा से ज्यादा लोगों से बात करें और प्राथमिक स्तर पर जितनी ज्यादा से ज्यादा हो सके, सूचनाएं एकत्र करें।
– विभिन्न इंस्टीट्यूट्स के बारे में जानकारी हासिल कर आप यह शॉर्ट लिस्ट कर सकते हैँ कि आप को कौन से इंस्टीट्यूट को चुनना है?

छात्र अपनी खोज को आधारभूत मापदण्डों जैसे भौगोलिक स्थिति,स्टूडेंट कम्यूनिटी,सोशल,फाइनेंशियल स्पोर्ट नेटवर्क और सोशल क्लब के आधार पर छांट सकते हैँ।
वह इंस्टीट्यूट चुनें जहां क्लासेज में छात्रों की भीड़ न हो,अपेक्षाकृत क्लासेज छोटी हों व स्टडी-ट्रेनिंग का तरीका रोचक हो।
– अच्छा होगा यदि आप किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पूर्व किसी काउंसलर की सलाह लें,जो आपके व्यक्तित्व,आपक ी रूचियों-योग्यताओं का सही आकलन करते हुए आपको एक सटीक सलाह देने में सहायक होगा।

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