Bansal Classes Biography
- शिक्षा के क्षेत्र में कोटा की Bansal Classes ने जो काम किया है, उसके कारण इस संस्थान को देश ही नहीं विदेशों में भी पहचाना जाने लगा है। आईआईटी जेईई जैसी सर्वोच्च तकनीकी प्रवेश परीक्षा के लिए मार्गदर्शन देकर हजारों छात्रों का भविष्य बनाने वाले बंसल क्लासेज के प्रबंध निदेशक वी.के. बंसल का जन्म झांसी में 26 अक्टूबर 1949 को हुआ। बीएचयू से इंजीनियरिंग की डिग्री 1971 में प्राप्त करने के बाद 1973 में झांसी में आपकी शादी श्रीमती नीलम बंसल से हुई। Bansal Classes Biography
- Bansal Classes के निदेशक एवं वी.के. बंसल के छोटे भाई प्रमोद कुमार बंसल का जन्म 11 जुलाई 1962 को झांसी में हुआ था। स्कूली शिक्षा लखनऊ में हुई तथा बीई मैकेनिकल एमएसीटी भोपाल से पूरी करने के बाद आप नई दिल्ली के एक संस्थान में इंजीनियर के पद पर कार्यरत रहने के बाद अपने बड़े भ्राता वी के बंसल के आग्रह पर वर्ष 1985 में कोटा आ गए और जेके सिंथेटिक्स में असिस्टेंट मैनेजर, प्रोजेक्ट के पद पर अनेक वर्षों तक रहे।
यहां रहते हुए वे वीके सर के कार्यो में मदद करने लगे जैसे छात्रों को कोर्स के बारे में बताना, अभिभावकों से इंटरेक्शन, मीडिया एवं एडमिनिस्ट्रेशन मैनेजमेंट आदि। बंसल क्लासेज को आज देश भर में आईआईटी की कोचिंग के कारण जाना जाता है व देश भर में इस संस्थान की प्रसिद्घि के लिए परदे के पीछे रहने वाले पी.के. बंसल की महती भूमिका है। मिलनसार एवं अनुशासित व्यक्तित्व के धनी पीके सर ने अपनी कार्यशैली के बल पर यहां आने वाले छात्रों का दिल जीता और वे उनसे अनुभव, पढ़ाई का तरीका, अभिभावकों की परेशानियों को दूर करने का प्रयास करने में गर्व महसूस करते हैं। इनके कुशल एडमिनिस्ट्रेशन ने बंसल क्लासेज को एक नए मुकाम पर पहंचाया।
वर्ष 1988 में मात्र 4 छात्रों की सफलता से शुरू हुए इस संस्थान में वी के बंसल सर आईआईटी के छात्रों को मार्गदर्शन देते थे। यह कोटा मेें एक प्रकार से कोचिंग की शुरुआत थी जिसमें गिने चुने छात्र आते थे। उस समय तक इस प्रकार की परीक्षा या कोचिंग के प्रति जागरूकता भी नहीं थी। इसके बाद उत्तरोत्तर छात्रों की संख्या में वृद्धि होती गई और वर्ष 96 में सफल रहनेवाले छात्रों की संख्या 77 हो गई।
इस दौरान आईआईटी के प्रति लोगों में विशेष रूचि जागृत होने लगी और छात्रों की संख्या निरंतर बढऩे लगी। वर्ष 2000 में बंसल क्लासेज से जब आईआईटी में प्रथम रेंक नितिन गुप्ता की आई तो देश भर में कोटा और इस कोचिंग का नाम लाखों लोगों की जुबां पर आ गया। इसी प्रकार 2002 मेे प्रथम रैंक डूंगाराम की आने पर छात्रों को लगने लगा कि इस परीक्षा में पास होने का पर्याय है बंसल क्लासेज। पी.के. बंसल का कहना है कि यहां प्रवेश के लिए देशभर के बच्चों का हुजूम जमा होने लगा और सीटें उपलब्ध नहीं रहती थी इस कारण अनेक छात्रों को प्रवेश नहीे मिल पाता था।
इसके बाद 2007 में अचिन बंसल और 08 में एक अन्य छात्र की आईआईटी जेईई में ऑल इंडिया में प्रथम रैंक आने से पूरे शहरवासियों को इस संस्थान पर गर्व महसूस होने लगा। कोटा शहर विश्व के मानचित्र पर चमकने लगा और हजारों अभिभावक अपने बच्चों को यहां प्रवेश दिलाने में गर्व महसूस करने लगे।
उपलब्धियों का वर्ष
मात्र 4 छात्रों से शुरु हुएBansal Classes ने आज अपने आप को एवं कोटा शहर का नाम रोशन किया है। संस्थान का डकनिया स्टेशन के पास बना विशालकाय गौरव टॉवर शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाता है। इस नए भवन में देशभर से आने वाले हजारों विद्यार्थी आईआईटी जेईई की प्रवेश परीक्षा के लिए अपना भाग्य आजमाने के लिए आते हैं और जिनका चयन होता है वे और जिसका चयन नहीं होता, वे भी कोटा शहर को जिंदगी भर नहीं भूल पाते हैं। इस प्रकार की कोचिंग से सरकार को भारी राजस्व मिलता है वहीं हजारों हाथों को काम भी मिला हुआ है। अनेक परिवार ऐसे हैं, जो बाहर से आने वाले इन छात्रों से भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और कोर्स की समाप्ति पर जब छात्र वापस जाते हैं तो उनकी आंखे नम हो उठती हैं। इस संस्थान का एक स्कूल भी चलता है। कहा जाता है कि 1997 में जब यहां की जेके सिंथेटिक्स फैक्ट्री बंद हुई तो कोटा को यहां के कोचिंग संस्थानों ने ही सम्बल प्रदान किया।
आईआईटी का
प्रवेश द्वार
वर्ष 1988 से शुरू हुए बंसल क्लासेज को आईआईटी का प्रवेश द्वार कहा जाता है। विगत वर्षों में इस संस्थान ने सैकड़ों ऑल इंडिया रैंक दी है। पी.के. बंसल के अनुसार वर्ष 1997 में 4, 6, 23 टॉप थ्री रैंक इसी संस्थान की थी।
इसी प्रकार 1998 में 5, 42, 48
वर्ष 1999 में 10, 14, 17
वर्ष 2006 में 2, 3, 11
वर्ष 2007 में 1, 2, 5
वर्ष 2008 में 1, 3, 7
वर्ष 2009 में 2, 7, 10
वर्ष 2010 में 23, 28, 35वीं रैंक इसी संस्थान के विद्यार्थियों की रही है। इसी प्रकार अभी तक यहां से आईआईटी-जेईई की टॉप टेन रेंक में 2204 विद्यार्थियों ने परचम फहराया है और आज देश एवं विदेश के अनेक संस्थानों में कार्यरत हैं। संस्थान से अभी तक हजारों छात्र सफल हो चुके हैं। बंसल क्लासेज को मोमेन्टो ऑफ ऑनर, कोटा मेन ऑफ द ईयर 2001 से नवाजा जा चुका है। वर्ष 1999-2000 में सबसे ज्यादा इन्कम टेक्स देने वाला संस्थान रहा है। वर्तमान में बंसल क्लासेज की एक शाखा जयपुर में है जिसका संचालन वी.के. बंसल की पुत्री पूजा बंसल एवं अजमेर शाखा का संचालन आरती बंसल द्वारा किया जा रहा है। पुत्र समीर बंसल एवं उनकी पुत्रवधु महिमा बंसल कोटा में आईआईटी के छात्रों को मार्गदर्शन देते हैं।
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