Stage Appearance to Boost up Confidence आ प सभी के स्कूल्स में एनुअल फंक्शन्स का दौर चल रहा होगा, जबकि कई बच्चों के स्कूल में वार्षिक समारोह खत्म हो गए होंगे। एनुअल फंक्शन आपके एकेडमिक करिकुलम का पार्ट भले ही न हो, लेकिन आपकी पर्सनालिटी को निखारने में इनका बेहद अहम योगदान होता है। एनुअल फंक्शन के दौरान होने वाली विभिन्न गतिविधियां आपको भविष्य के लिए तैयार करती हैं।
फिर चाहे आप डांस में भाग ले रहे हों या म्यूजिक में। साइंस, मैथ्स हिस्ट्री की एक्जीबिशन में प्रतिभा दिखा रहे हों या किसी और चीज़ में।
आप में से कई बच्चे एनुअल फंक्शन में शामिल होंगे। वहीं आप में से कई इन्हें टाइम वेस्ट मानकर इनसे दूर रहते होंगे। लेकिन सच तो ये है कि एनुअल फंक्शन की विभिन्न गतिविधियों के जरिए आप दिमागी तौर पर तैयार होते हैं, जो हमेशा केवल थ्योरी पढ़कर संभव नहीं है। ये गतिविधियां आपके दिमाग को सही एक्सपोज़र देती हैं। ये प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस आपको बाहरी दुनिया और भविष्य के लिए तैयार करता है।
जब आप बड़े हो जाएंगे तो आपकी ज़िन्दगी में महज आपका कॅरिअर नहीं होगा, बल्कि बहुत सारी ऐसी चीजें होंगी जो आपको टैलेंटेड बनाएंगी। ये गुण इन एक्स्ट्रा-काररिक्युलर एक्टिविटीज के जरिए ही विकसित होंगे।
ये बातें हैं खास
– कॉम्पीटिटिव स्पिरिट, लीडरशिप, अनुशासन, को-ऑपरेशन, टीम स्पिरिट जैसी कॉर्पोरेट और मैनेजमेंट स्किल्स आप इन्हीं के जरिए सीखेंगे। इसी के माध्यम से आपका क्रिएटिव टैलेंट विकसित होगा।
-इन छोटी-छोटी प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से ही आपमें “सेंस ऑफ अचीवमेंट” और “कॉन्फिडेंस” ज्यादा विकसित होगा।
-जब आप इन एक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करते हैं तो आपको कई लोगों से इंटरैक्ट करना होता है। यानी आप सोशल होते हैं तो व्यावहारिक तौर पर बोल-चाल का तरीका सीखते हैं। इससे आपकी कम्यूनिकेशन स्किल्स सुधरती है।
– इन गतिविधियों में आपको कई तरह की जिम्मेदारियां भी उठानी पड़ती हंै, जो आपमें सेंस ऑफ रिस्पॉन्सिबिलिटी विकसित करता है।
-यहां पर अर्जित किए गए सर्टिफिकेट्स, अवॉर्ड्स और अनुभव नौकरी के समय आपके रिज्यूमे में दर्शाने और कॉर्पोरेट स्तर पर भी काम आता है।