सभी इंटेंलिजेंट लोग सफल नहीं हो पाते,केवल इंटेलीजेंट होना अलग बात है, और इंटेलिजेंस का प्रयोग प्रॉडक्टिव रूप में करना दूसरी बात।इसलिए समझदारी का प्राडक्टिव प्रयोग सफलता का आवश्यक अंग है। अच्छे सीखने वाले बनें,क्योंकि प्रतिस्पद्र्धात्म्क युग में यदि आप आगे बढऩा चाहते हैं, तो नवीनतम परिवर्तनों को आत्मसात करना अनिवार्य है अगर आप ऐसा नहींं कर पाते तो आपकी सफलता संदिग्ध हो सकती है। यह जरूरी नहीं कि सोचे-समझे व रिस्क फ्री निर्णय ही सदैव सही हों,कई बार ये आपको किसी भी मंजिल तक नहीं पहुंचाते। और अच्छे या बुरे निर्णय के बारे में तब तक कुछ नहीं कहा जा सकता,जब तक कि वे लागू न किए जाएं। कोई भी निर्णय रिस्क फ्री नहीं होता,आप जो भी कदम उठाते हैं,उसके साथ कुछ न कुछ जोखिम जुड़े होते हैं। इसलिए जीवन का सबसे बड़ा जोखिम है-कोई भी रिस्क न उठाना। दुनिया परिवर्तनशील है,प्रत्येक बिजनेस या प्रोफेशन में बदलाव अपरिहार्य हैं और इसीलिए प्रतिस्पद्धियों से आगे रहने के लिए समय के साथ बदलना  और साहसिक निर्णय लेना आवश्यक है। इसलिए कुछ बदलाव,कुछ साहसिक निर्णय लेने की आवश्यकता सदैव बनी रहती है।
सफलता केवल उन्हें ही मिलती है जो बड़ा सोचते हैं,सफल होना चाहते हैं और उन्होनें जो सपने देखे हैं उन्हें साकार करने के लिए पूरे प्रयत्न करते हैं सफलता का इन्तजार बेहद लम्बा हो सकता है,यदि उसे प्राप्त करने के लिए कोई प्रयत्न नहीं किए जाएं,और जो लोग सफल होना चाहते हैं उन्हें चुनौतियों का सामना करने का साहस दिखाना पड़ता है।सभी यह जानते हैं कि जीवन में आगे बढऩे के लिए बेहद परिश्रम करना पड़ता है,लेकिन लोग यह भूल जाते हैंंकि कठिन परिश्रम करने के लिए शरीर को तैयार रखना भी जरूरी है,इसलिए वर्क स्ट्रेस से बचने के  लिए आराम के लिए भी समय निकालना आवश्यक है। इसके लिए शरीर को फिट रखना जरूरी है और मन को भी ।

कौन है प्रोफेशनल ?
एक प्रोफेशनल और नॉन प्रोफेशनल में कई अंतर हैं जो हम विभिन्न तरीकों से जान सकते हैं,आपके लिखने के तरीके,चलने के तरीके,बातचीत व हाव भाव से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि आप प्रोफेशनल  हैं या नहीं ।चूंकि समाज में प्रोफेशनल  तरीके के लिए कोई नियम कायदे नहीं हैं इसलिए लोग काम को कैजुअली भी करते हैं। 15 प्रतिशत ड्राइविंग संबंधी उत्तर न दे पाने पर भी आपको ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाता है। सब चलता है – यह अमैच्योर लोगों का काम करने का तरीका है।कोई भी काम इस प्रकार न करें जिससे यह महसूस हो कि आप अमैच्योर हैं। एक प्रोफेशनल काम को पूरी तरह से सीखता है,और अमैच्योर जब भी संभव होता है लर्निंग प्रोसेस को स्किप करता है। एक प्रोफेशनल  उस तरीके को जानने की कोशिश करता है जिसकी आवश्यकता है ।अमैच्योर स्वयं ही सोच लेता है कि तह तक जाने की जरूरत तो है नहीं। प्रोफेशनल हाव भाव व बोल चाल में भी प्रोफेशनल  होता है जबकि अमैच्योर दिखने में ढीला ढाला व बात चीत में सुस्त होता है। प्रोफेशनल अपने वर्क प्लेस को साफ सुथरा रखना पसंद करता है अमैच्योर ऐसा कोई प्रयत्न नहीं करता। प्रोफेशनल  के विचार व नजरिया स्पष्ट होता है। अमैच्योर  कन्फयूज्ड व अस्पष्ट नजरिया रखता है। प्रोफेशनल  गलतियों को छिपाता नहीं, उन्हें दूर करने की कोशिश करता है।अमैच्योर गलतियों को छिपाने की कोशिश करता है।
प्रोफेशनल मुश्किल कामों को हाथ में लेने से नहीं हिचकिचाते और उन्हें पूरा करने की सोच रखते हैं। अमैच्योर मुश्किलों कामों से दूर भागने की कोशिश में रहते हैं।
प्रोफेशनल प्रोजेक्ट्स को यथासमय पूर्ण करने की कोशिश करते हैं,अमैच्योर नहीं,इसलिए उनके पास अधूरे कामों का अम्बार लगा रहता है।प्रोफेशनल  सदैव लेवल हैडेड रहता है और आशावादी भी । अमैच्योर सदैव बुरे की ही उम्मीद करते हैं और इसी बात की चिंता से अपसेट रहते है। प्रोफेशनल  अपने अकाउंट्स को बहुत ही सावधानी से संभालता है,अमैच्योर फाइनेंस मैटर्स में बेहद सुस्त होते हैं। प्रोफेशनल लोगों की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुनते हैं उनका समाधान भी सुझाते हैं। अमैच्योर दूसरों की प्रॉब्लम्स को अवाइड करते हैं। प्रोफेशनल संतोष,उत्साह और रूचि से कार्य करते हैं। अमैच्योर सदैव गुस्से,डर शिकार बनने के भय और दुश्मनी की भावना से कार्य करते हैं। प्रोफेशनल जब तक कोई लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते,डटे रहते हैं। अमैच्योर प्रथम प्रयास में ही हथियार डाल देते हैं। प्रोफेशनल  उम्मीद से ज्यादा देने की कोशिश करते हैं,अमैच्योर उतना ही करते हैं जिससे काम चलजाए । प्रोफेशनल  का भविष्य सदैव उज्जवल रहता है, लंकिन अमैच्योर का अनिश्चितता भरा । इसलिए स्वयं को प्रोफेशनल बनाने के लिए सबसे पहला कार्य है कि डिसाइड करें कि आप प्रोफेशनल  हैं।

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