सराहना को सहजता से स्वीकार करना मज़बूत आत्मविश्वास का लक्षण है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि जब कोई प्रशंसा में कुछ कहे या उपहार दे, तो हकलाने या ख़ुद को अपात्र बताने के बजाय ख़ुश हों और स्पष्ट शब्दों में धन्यवाद दें। इस तरह की प्रतिक्रिया भी आपके आत्मविश्वास में इजाफ़ा करेगी। ऐसी छोटी-छोटी बातें न सिर्फ़ आपको बेहतर महसूस कराती हैं, बल्कि दूसरों की नज़र में आपकी छवि भी बेहतर बनाती हैं। जैसे- How to Give Compliments
अपने बारे में 20 प्रतिशत बोलें-
बातचीत के केंद्र में आपकी समस्याएं, दुश्वारियां और दुख नहीं होने चाहिए। ऐसा करके सहानुभूति तो पाई जा सकती है, सम्मान नहीं। बातचीत का सिलसिला आपकी मुश्किलों के इर्दगिर्द ही चलता रहेगा, तो सामने वाला आपको बेचारा ही समझेगा और अपने कष्टों का राग अलापते हुए आप भी ख़ुद को थोड़ा दुर्बल ही महसूस करेंगे। इसलिए अपने बारे में कम ही बोलें और जब भी बोलें जीवन के सकारात्मक पहलुओं की ही चर्चा करें।
Social Etiquette Rules Everyone Should Know.
इसी तरह, पहली बार किसी से मिलने पर च्पहला प्रभाव डालने का लोभ होता है। इस चक्कर में हम अपनी सारी ख़ूबियों और उपलब्धियों के बारे में बता डालना चाहते हैं। लेकिन इससे होता उलटा है। सामने वाला हमें आंकने लगता है और अक्सर कम ही आंकता है, क्योंकि अपनी उपलब्धियों का बखान करने वाले व्यक्ति की बातों पर लोग कम ही भरोसा करते हैं। इसलिए पहली मुलाक़ात में बातचीत का 20 प्रतिशत हिस्सा ही ख़ुद पर रखें और बाक़ी 80 प्रतिशत चर्चा सामने वाले के बारे में करें। इससे आपमें ख़ुद के बारे में बता डालने की हड़बड़ाहट भी नहीं होगी। Ways to improve your social skills
उसकी पुतलियों का रंग पता करें-
नीची नज़रें आत्मविश्वास में कमी दर्शाती हैं, इसलिए किसी से मुलाक़ात में उसकी आंखों में देखते हुए मुस्कुराएं। हालांकि ऐसा करना कई बार मुश्किल लगता है। ऐसे में आप एक ट्रिक अपनाएं। आप यह तय कर लें कि किसी से मिलते समय आपको उसकी आंखों की पुतलियों का रंग पता करना है। रंग जानने से आपको कोई लाभ नहीं होगा, हां, इस बहाने आप सामने वाले की आंखों में देखेंगे। लेकिन ध्यान रहे, आपको निगाहों का सम्पर्क बनाना है, घूरना नहीं है। इसी तरह, मुलाक़ात में पहले मुस्कुराकर आप पहल करते हैं और फिर सामने वाला मुस्कुराकर प्रतिक्रिया देता है। इससे नियंत्रण आपके हाथ में होता है, जो आपका आत्मविश्वास बढ़ाता है।
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ये भी रखें ध्यान-
आपका लक्ष्य लोगों को ख़ुश करके उनकी मान्यता पाना नहीं होना चाहिए। इसके बजाय हमेशा सम्मान अर्जित करने के बारे में सोचें। किसी को ख़ुश करके कुछ पाने की इच्छा रखना, यानी स्वयं को पहले ही कमतर मान लेना। जजब भी चलें, सिर ऊंचा रखें। चलते हुए बीच-बीच में इधर-उधर भी देखें, जैसे शेर अपने इलाक़े को देखता है। इस तरह की बॉडी लैंग्वेज आपको अच्छा महसूस कराएगी। जतैयारी से भी आत्मविश्वास बढ़ता है, इसलिए व्यवस्थित रहें और पहले से सारे इंतज़ाम कर लें। अधूरी तैयारी से चेहरे पर बदहवासी और चिंता के भाव आने लगते हैं।
अपने काम ख़ुद करें। बहुत ज़रूरी होने पर ही मदद लें। यदि कोई काम नहीं आता, तो अभ्यास से उसे सीखें। “अगर ऐसा होता’, “मान जाइए’ जैसी बातें न कहें। इसकी जगह साफ़ शब्दों में अपनी बात रखें- मेरा मानना है, मैं चाहता हूं कि…।
——-Social Etiquette Rules Everyone Should Know