Smart Parenting Tips in Hindi are necessary to understand for all of us to give our kids a stress free childhood. Here are some pro tips to follow.
बच्चों के व्यवहार में होने वाले हर परिवर्तन का कोई कोई कारण जरूर होता है बच्चे वही सीखते और करते हैं जो वो अपने आसपास देखते हैं। अगर किसी परिवार में माता-पिता के विचार अलग-अलग हों, उनके बीच बातचीत कम होती हो या लड़ाइयां होती हों, तो ऐसे वातावरण में बच्चों के मानसिक विकास पर बहुत ज्यादा असर पड़ता है।
– बच्चों की अपने बातों को कहने और अपनी इच्छाओं को व्यक्त करने की क्षमता घटने लगती है
– बच्चे जब किसी दूसरे व्यक्ति और रिश्तेदार से मिलते हैं तो घुलने-मिलने में बहुत वक्त लगाते हैं और कोशिश करते हैं कि ना मिलें।
-सामाजिक कार्यों और समारोह में जाने में बहुत कम रुचि लेते है और अगर जाते हैं तो अलग-थलग रहते हैं।
-घर में बच्चे बहुत गुस्सा करते हैं, लेकिन घर के बाहर जाकर चुप रहते हैं।
-उनके कम दोस्त ही बन पाते हैं। स्कूल में भी ज्यादा घुलते-मिलते नहीं।
-एग्जाम में उनके नंबर कम होने लगते हैं, क्लास वर्क छोड़ने लगते हैं, लिखावट ख़राब होने लगती है और कभी-कभी स्कूल जाना भी बंद क़र देते हैं।
-जिद बहुत ज्यादा करते हैं और जिद मानने पर बहुत ज्यादा चिल्लाते और परेशान करते हैं।
-लगातार इस तरह के माहौल में रहने पर बच्चे को मानसिक बीमारी की भी आशंका बढ़ जाती है
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ये गलतियां कभी ना करें–
जोर-जोर से बातें करना, एक दूसरे के परिवार वालों के बारे में शिकायतें करना और बुरा बोलना, घर में शराब और सिगरेट पीना, लड़ाई में आपस में मारपीट करना, आदि। अक्सर माता-पिता बच्चे से एक दूसरे की बुराई करते हैं और उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए तरह तरह के लालच देते हैं।
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क्या करें माता-पिता–
माता-पिता के जो भी मतभेद हों, उसे अकेले में बैठ कर बातचीत के द्वारा हल करें और बच्चे के सामने कोई भी बात करंे। बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताएं और उन्हें बताएं कि जीवन की समस्याओं का सामना किस तरह करना चाहिए। बच्चे को पढ़ाई और घर के छोटे-छोटे कामों में इन्वॉल्व करें।