How to Build Trust Credibility with Others
विश्वास वह आधार है, जिस पर हम सारे इंसान खड़े हैं।
और भरोसे के क़ाबिल बनना अपने वजूद के इत्मीनान के लिए ज़रूरी है। यह अद्भुत ख़ुशी देता है।
अगर आप बैंक के पास ऋण लेने के लिए जाते हैं, तो वह आपसे ढेर सारी जानकारियां मांगता है। पहचान, वेतन, निवास, परिवार, नौकरी की ज़िम्मेदािरयां वग़ैरह। हर तरह से आकलन करके वह केवल यह जानने की कोशिश करता है कि क्या आप ऋण प्राप्त करने के उचित पात्र हैं, यानी क्या आप पर भरोसा किया जा सकता है? बस, इसी तरह जीवन का हर रिश्ता, हर परिस्थिति, हर चुनौती परखती है कि क्या हम भरोसे के लायक़ हैं? जो इन चुनौतियों पर खरे उतरे, तो जो कामयाबी हासिल होती है, उसे ख़ुशी कहते हैं। इत्मीनान का अहसास होता है कि आपने अपनी मेहनत से दुनिया में भरोसे के लायक़ जगह बना ली है।
क्यों देता है भरोसा इतनी ख़ुशी?
रुक्मिणी की पुकार पर भागे चले जा रहे कान्हा से सारथी ने पूछा था, कि रुक्मिणी के पास पहुंचने की इतनी उतावली क्यों है? तब कान्हा ने कहा था- किसी की पुकार पर चले आने में बड़ा आनंद आता है। यह वही भरोसा है, जो सुख देता है। क्योंकि जब रुक्मिणी ने कृष्ण को देखा, तो उनके आह्लाद का ठिकाना नहीं था।
किसी के किया वादा निभाना, ख़ुशी देने और इत्मीनान पाने का सबसे आसान रास्ता है। r
नन्हे बच्चे को हवा में उछालने पर वह कैसे खिलखिलाता है! हवा में बिना सहारे चंद पल गुज़ारने से वह डरता नहीं क्योंकि उसे भरोसा होता है कि माता-पिता का स्नेह उसे कभी नुक़सान नहीं पहुंचने देगा। बच्चे की हंसी, विश्वास की बदौलत है। और यही माता-पिता की मुस्कान का राज़ भी। इस अनकहे भरोसे को सलामत रखकर जो आनंद अभिभावकों को मिलता है, उसी को बचाने के लिए वे हर तक़लीफ को हंसकर झेल जाते हैं।
अब सवाल उठ सकता है कि विश्वास करने वाले ख़ुशी का ज़रिया कैसे बनते हैं? तो सबसे पहले यह समझें कि भरोसेमंद लोगों की ख़ूबियां क्या होती हैं-
जवे विश्वसनीय होते हैं। विश्वसनीय लोगों में अहंकार नहीं होता। वे लोगों की अहमियत समझते हैं, इसलिए विनम्र होते हैं।
जउनके आचरण में समरूपता होती है। अपनी राय से फिरना इनकी फ़ितरत नहीं। जिसके पक्ष में खड़े हो गए, सो हो गए। इनके साथ पर पूरा भरोसा किया जा सकता है।
वे ईमानदार होते हैं। वैसे तो भरोसे का आधार ही यह होता है। मामला काम का हो, किसी के आचरण को समझने का या किसी फ़ैसले का, भरोसेमंद लोगों की राय अहमियत रखती है। निज हितों को किनारे रखकर ही वे कोई फ़ैसला लेते हैं।
बहुत भले होते हैं। वे सारे गुण, जो देने के आनंद को पहचानते हैं, भले लोगों में होते हैं। भरोसा देने वाले भी इन्हीं में से हैं।
वे बहुत सारे लोगों से जुड़े होते हैं। या यूं कहना चाहिए कि बहुत सारे लोग उनसे जुड़ना पसंद करते हैं। हर इंसान को ऐसे लोगों को अपनी ज़िंदगी में शामिल रखना आवश्यक लगेगा, जो विश्वास के क़ाबिल हों। ऐसा करना सकारात्मक बने रहने के लिए ज़रूरी भी है। जब कोई हमें धोखा देता है, हमारे विश्वास को छलता है, तो हमारा सारे लोगों पर विश्वास डिगने लगता है। एेसे में जो विश्वास पर खरे उतरते हैं, वे देवतुल्य लगने लगते हैं। वे आपको एक बार फिर लोगों पर विश्वास develop mutual trust करने का हौसला दे जाते हैं।
जवे उपलब्ध होते हैं। हालांकि, कई बार यह उन लोगों के लिए मुश्किल का सबब भी बन जाता है क्योंकि उनसे जुड़े लोग चाहते हैं कि वे हमेशा उनके लिए मौजूद रहें। फिर भी भरोसा देने वाले, उनके ज़रिए मिलने वाली ख़ुशी का पूरा अहसास रखते हुए ज़रूरत पड़ने पर उपलब्ध रहते हैं।
इतनी सारी ख़ूबियों से भरे व्यक्तित्व से ख़ुशियां न मिलें, यह कैसे सम्भव है! और देने वाले को मिलेंगी भी। सो भरोसेमंद लोगों को ख़ुशी ज़रूर मिलती है।
बोधकथा –
पहले बीरबहूटियों की पीठ पर काले धब्बे नहीं हुआ करते थे। एक बार उनके रहने की जगह रातोंरात ग़ायब हो गई। इससे उनके सामने रहने की जगह का संकट पैदा हो गया। इस बीच उन्हें एक जादुई बाग़ के बारे में पता चला। बीरबहूटियों के बीच शर्त रखी गई कि जो उस जादुई बाग़ तक जाएगा और पहले वापस आकर वहां के हालात बयां करेगा, वही नेता बनेगा।
कई युवा गए। लौटकर बाग़ की सुंदरता के एक से बढ़कर एक क़िस्से सुनाए। एक युवा आख़िर में लौटा और बोला कि उसे तो बाग़ मिला ही नहीं। सब उसके निकम्मेपन पर लानत भेजते हुए, नए नेता की अगुवाई में आगे बढ़े। गंतव्य पर पहुंचकर पता चला कि जादुई बाग़ तो बाढ़ के कारण नष्ट हो गया था, जैसा कि आख़िरी युवा ने बताया था। बाक़ी सबके झूठ की कलई खुल गई। तब तय किया गया कि झूठी बीरबहूटी की पीठ पर हर झूठ के बाद एक काला धब्बा लगा दिया जाएगा, जिसे दूसरे ही देख सकेंगे और उसके चरित्र का फ़ैसला करेंगे।
भरोसा भी ऐसा ही है। आप ख़ुद के बारे में जो भी दावा करें, दूसरे ही आपकी सच्चाई और ईमानदारी के आधार पर निर्णय करेंगे कि आप भरोसेमंद हैं या नहीं।