Is Tarah Hatayein Nakaratmak Soch

बच्चों को चाहिए कि वे अपनी क्षमताओं और रुचियों को पहचानें। यदि उनके नंबर कम भी आते हैं तो उन्हें खुद पर इतना भरोसा होना चाहिए कि एकेडमिक पढ़ाई ही सब-कुछ नहीं। यदि अापमें पेंटिंग, स्पोर्ट्स या डांस-म्यूजिक का हुनर है, तो उस दिशा में लगातार प्रयास करें और उनसे जुड़ी एग्जाम भी दें। ताकि इन विधाओं में आपकी रुचि के साथ डिग्री भी आगे जाकर मिल जाएगी, जो आपके लिए भविष्य में कॅरिअर की राह आसान करेगी।
Is Tarah Hatayein Nakaratmak Soch
बच्चों, एग्जाम के बाद अब रिजल्ट का दौर है। खासतौर पर बोर्ड परीक्षाओं के समय स्थिति कुछ ज्यादा ही नाजुक होती है। ऐसे में आप लोगों पर रिजल्ट्स को लेकर काफी तनाव होगा। जानें कि आप कैसे बोर्ड रिजल्ट के तनाव से बच सकते हैं।

एक-दूसरे का दें साथ
रोहन रिजल्ट को लेकर बहुत तनाव में है, क्योंकि अगर वह अव्वल नहीं आया, तो आस-पड़ोस खासतौर पर पेेरेंट्स को क्या जवाब देगा। हालांकि वह मानता है कि यह इच्छा उसके सुनहरे भविष्य के सपने से जुड़ी हैं और इस सपने का होना स्वाभाविक भी है, लेकिन इससे उसको अनावश्यक दबाव महसूस हो रहा है और अब जब उसका रिजल्ट आने वाला है तो उसका सब्र खोने लगा है। यह समस्या न जाने रोहन जैसे कितने ही रिजल्ट का इंतजार करने वाले बच्चों की होगी। बच्चों ये समय आपके लिए एक-दूसरे का साथ देने का होता है। अपने दोस्तों को आप समझा सकते हैं कि प्रेशर न लें।

निगेटिव सोच से बचें, पेरेंट्स से पहले ही चर्चा कर लें
दरअसल बच्चों के मन में आने वाले रिजल्ट््स को लेकर बहुत तनाव रहता है। पेपर कितना भी अच्छा हुआ हो, लेकिन रिजल्ट का बेसब्री और तनाव के साथ इंतजार करते हैं। रिजल्ट अच्छा नहीं आया तो ये स्थिति उन्हें गहरी निराशा, डिप्रेशन, घर छोड़ कर कहीं चले जाने जैसे फैसले तक लेने को मजबूर कर देती है। यही नहीं, कई बार तो निगेटिव सोच के कारण वे आत्महत्या की कगार तक पहुंच जाते हैं। ऐसी स्थिति में उन्हें तनाव नहीं लेना चाहिए। अपने पेरेंट्स से इस बारे में पहले ही स्पष्ट चर्चा कर लेना चाहिए। साथ ही अपने दोस्ताें को भी रिजल्ट के डर से निपटने के लिए चर्चा करना चाहिए। उन्हें यह भी समझना चाहिए कि यह तो सिर्फ एक क्लास की परीक्षा का रिजल्ट है, जिंदगी का नहीं।

खराब रिजल्ट पर न हों दुखी, अगली तैयारी में जुटें
बच्चों को यह समझना भी बेहद जरूरी है कि खराब नतीजे को भविष्य में सुधारा जा सकता है। उन्हें आगे आने वाली एग्जाम्स के लिए प्रिपरेशन श्ुरू करना चाहिए। साथ ही उन्हें खराब रिजल्ट से दुखी होने की बजाए उससे सबक लेकर आगे बहुत अच्छा परफॉर्मेंस देने की कोशिश में जुट जाना चाहिए। जो लाेग आपके खराब रिजल्ट की आज आलोचना कर रहे हैं, वे ही कल आपकी अच्छे रिजल्ट पर प्रशंसा करेंगे।

बच्चों, आपको वीडियो गेम खेलना काफी पसंद है ना? आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि कुछ देर वीडियो गेम खेलना आपके विकास में मददगार साबित होता है।

ऑ क्सफोर्ड विश्वविद्यालय में हुए एक शोध के मुताबिक, रोजाना कुछ देर वीडियो गेम खेलने से बच्चों के विकास पर अच्छा असर हो सकता है। शोध के नतीजों से वैज्ञानिकों ने पाया कि जो बच्चे हर रोज एक घंटे से कम समय के लिए वीडियो गेम खेलते हैं, वे किसी भी माहौल में आसानी से ढल जाते हैं।

जबकि, जो बच्चे बिल्कुल नहीं खेलते या तीन घंटे से ज्यादा वीडियो गेम के साथ वक्त गुजारते हैं, उन्हें किसी नए माहौल में ढलने में वक्त लगता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वीडियो गेम से होने वाले नकारात्मक प्रभाव बच्चों पर बस कुछ समय के लिए रहते हैं। जबकि इसका सकारात्मक स्थायी प्रभाव उन पर देखा जा सकता है।

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