Vocal Nodules Causes Symptoms Diagnosis Treatment. In this article in Hindi we are discussing about Vocal Nodules Causes Symptoms Diagnosis Treatment. Read On…
तेज बोलने से -चिल्लाने से बचें…
तेज बोलने से हो सकते हैं वोकल नोड्यूल—
हमारे गले में स्थित स्वरयंत्र- लेरिंक्स में दो तारनुमा वोकल कॉर्ड होते हैं जिनके आपस में मिलने से आवाज पैदा होती है। ये नाजुक संरचना है। लगातार तेज बोलने से इनमें सूजन सकती है, जिससे आवाज की मधुरता खराब हो जाती है।
वोकल नोड्यूल—
ये वोकल कॉर्ड पर बनने वाले छोटे-छोटे दाने जैसे होते हैं जो इसके अग्र मध्य भाग के जुड़ाव बिंदु पर प्रायः दोनों तरफ बनते हैं। यह खासकर ऐसे पेशे में होती है जहां लगातार तेज बोलने का कार्य होता है जैसे टीचर्स, गायक सेल्समैन आदि में। इसलिए इन्हें टीचर्स नोड्यूल भी कहते हैं। इसमें आवाज में भारीपन के साथ-साथ बोलने में दर्द, आवाज का थकना या बीच-बीच में फटना, गले में चुभन असहज लगना जैसे लक्षण भी हो सकते हैं। आवाज में भारीपन के अन्य कारण वोकल पोलिप- ऐडिमा आदि भी हो सकते हैं। दो हफ्ते से ज्यादा आवाज में भारीपन रहने पर विशेष को दिखाना जरूरी है क्योंकि कैसर जैसी अवस्था के प्रारंभिक लक्षणों में भी यह हो सकता है।
चिल्लाने से बचें–
इससे बचने के लिए वोकल हाइजीन बनाए रखना जरूरी है। लम्बे समय तक लगातार बोलने से बचें चिल्लाए नहीं। १५ से २० मिनट से ज्यादा बोलना हो तो बीच-बीच में कुछ गैप लें कुछ घूंट पानी पीते रहें। अनावश्यक गले को खांस-खांस कर साफ करने की आदत से बचें। पर्याप्त पानी पिएं। पेट का एसिड रिफ्लेक्स द्वारा गले में पहुंचता है। भाप का प्रयोग भी लाभकारी है। स्पीच थैरेपी से उचित ढंग से बोलने का अभ्यास कराया जाता है। कई बार नोड्यूल्स को माइक्रो लेरिंजियल सर्जरी से हटाया जाता है।
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