खुशहाल शादीशुदा जिंदगी के लिए हेल्पफुल टिप्स | KhushHaal Vaivahik Jeevan Banane Ke Upay
हम इस पर भी एक नजर डालते है कि आखिर वे कौन से टिप्स, सूत्र और सीक्रेट हैं, जिनसे आप वैवाहिक जीवन को सुखमय और आनंदमय बना सकते र्हैं।
छोटे-छोटे काम भी मायने रखते हैं:- अक्सर देखा जाता है कि पुरूष छोटे-छोटे घरेलू कामों को कोई महत्व नहीं देते। उनकी नजर में यह उनका काम नहीं है लेकिन यदि आप थोड़ा सा भी पत्नी का हाथ बंटा देते हैं तो आपकी इसी हर बार पर वह निहाल हो जाएगी। जैसे- कपड़े तह कर देना, बिस्तर ठीक कर देना, कभी-कभी कपड़े प्रेस कर देना, पौधों को पानी दे देना आदि। इन छोटी-छोटी चीजों से आपकी पत्नी को खुशी होती है कि आपको उसका खयाल है। यह बात तक और ज्यादा मायने रखती है जब पति-पत्नी दोनों ही नौकरी करते हों।
बेडरूम को उपेक्षित न करें:- प्राय: देखा जाता है कि पत्नियां अपने सेक्सुअल संबंधों को लेकर उतना खुलती नहीं है। इसके लिए शर्मो-ह्य के साथ-साथ नारी का संकोची स्वभाव भी कई बार आड़े आता है। अत: पत्नी का फर्ज बनता है कि वह बिस्तर पर पति के साथ सहयोग भरा रवैया अपनाएं साथ ही पति भी पत्नी को स्नेह, प्यार और रोमांच से भरपूर आनंद दें।
दोस्तीभरा रवैया अपनाएं:- एक खुशहाल और आनंदमय जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि पति-पत्नी अपने रिश्ते को दोस्ताना बनाएं रखें। पति अपने मेल ईगो को आड़े न लाएं। एक-दूसर की भावनाओं को समझें और जानें। पत्नी को दासी नहीं, अपनी जीवनसाथी के रूप में पूरा मान-सम्मान दें।
आज अधिकतर पति-पत्नी नौकरी करते हैं और ऐसे में उन्हें चाहिए कि वे अपने जीवनसाथी के कैरियर में सहयोग दें। कदम-कदम पर एक-दूसरे को प्रोत्साहन और आगे बढऩे का माहौल दें, इससे दोनों एक-दूसरे को उचित मान-सम्मान देंगे। ऑफिस मं कोई मानसिक पेरशानी हो तो उसे सुलझाने और दूर करने में मदद करें। एक-दूसरे के काम के माहौल और मानसिक स्थिति को समझें।
खास मौकों के अलावा यूं भी उपहार दें:- यह जरूरी नहीं कि तीज-त्योहार या फिर शादी-बयाह, जन्मदिन आदि पर ही एक-दूसरे को तोहफे दिए जाएं। कभी-कभी यूं ही कोई खूबसूरत-सा उपहार दे देना चाहिए। इससे जहां तक एक अनोखी खुशी मिलेगी, वहीं एक-दूसरे के प्रति प्यार भी बढ़ेगा।
अपनी भावनाओं को दर्शाएं:- पत्नियों के साथ तो नहीं, लेकिन पतियों के साथ यह अक्सर ही होता है कि वे अपनी भावनाओं को खुलकर नहीं दर्शाते । यहां बात केवल प्रेम की नहीं है, बल्कि अपने दुख-दर्द परेशानियों को बतलाने की है। आप दोनों एक-दूसर के सुख-दुख के साथी है, फिर क्यों भला अपने दुखों को छिपाना।
एक-दूसरे को वक्त दें:- यह उतना महत्वपूर्ण नहीं कि आप दोनों एक-दूसरे को कितना वक्त देते हैं, बल्कि महत्वपूर्ण है कि आप कितना वक्त अच्छे से बिता रहे हैं, यदि पति महोदय अक्सर टूर पर रहते हैं तो उनके आने पर अधिक से अधिक वक्त उनके साथ बिताएं जिससे कि उन्हें यह एहसास हो कि आपको उनका कितना खयाल है। पति की पसंद की डिशेज बनाएं। कभी-कभी बदलाव के तौर पर पति भी पत्नी को उनकी पसंद की डिशेज बनाकर खिलाएं। यह सब कुछ व्यवस्थित ढंग से करें।
सुख-दुख में एक-दूसरे के करीब रहें:- अग्नि को साक्षी मानकर एक-दूसरे को सुख-दुख का साथी होने का वादा भर कर देना ही काफी नहीं है। वास्तविकता की धरातल पर भी इसे अमल में लाना चाहिए। अपनी खुशियों और कामयाबी में ही जीवनसाथी को सहभागी न बनाएं, बल्कि अपने दुख और संघर्ष में भी उसका साथ उसी तरह निभाएं।