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तलाक- तलाक- तलाक

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निशांत और गार्गी में तनाव  लगातार बढ़ता जा रहा था इस शादी के टिकने का कोई प्रश्न नहीं था दोनों में कोई भी झुकने को तैयार नहीं था दोनों पढ़े लिखे थे, अच्छे पैकेज पर थे आखिर कोई क्यों झुके?परिवार वालों ने,दोस्तों ने हर संभव कोशिश की कि उनमे सुलह हो जाये, पर हमेशा उनके अहंकार टकरा जाते. आखिर फैसला यही हुआ कि वे तलाक ले लेंगे. आज उनका तलाक हो गया है. गार्गी और निशांत अपना अपना सामान लेने के लिए फ्लैट में एंटर हुए. सामने से बैंड, बाज़ा, बरात आ रही थी, गार्गी ने निशांत को देखा,निशांत ने गार्गी को. उन्हें अपनी शादी की बातें ज्यादा गयी थी, लव मैरिज की थी उन्होंने,माँ बाप से लड़कर, और आज उनका हश्र यह था कि वे अलग होने जा रहे थे उनके अहंकार फिर से टकराये, और अपने अपने रस्ते चलने के लिए सोचा पर शादी की एल्बम और हनीमून की फोटोज मां को झकझोर सी गयी, क्या इसदिन के लिए हमने शादी की थी? बैंड बाज़ों की आवाज़ें और तेज़ होती जा रहीं थीं. गार्गी की आँखों में आंसू आये पर वह प्रक्टिकली सोचना चाह रही थी कि अब तलाक हो चुका है, निशांत का गला भी रुंध रहा था पर वो भी इस कड़वे सच को स्वीकार करना चाहता था तभी गाना बज़ा,आज मेरे यार की शादी है, लगता है सारे संसार की शादी है’ शब्द जितने तेज़ होते जा रहे थे ,उतना ही वे दोनों अपसेट होते जा रहे थे. आखिर दोनों एक दूसरे की और मुड़े, क्या तुम सचमुच मेरे बिना रह सकते हो?रह सकती हो? दोनों ने एक दूसरे से पूछा.दोनों की आवाज़ भर्रायी हुई थी, उन्होंने तलाक के कागज़ फाड़ दिए. गाना अभी भी बज़ रहा था, ‘लगता है जैसे सारे संसार की शादी है,’ पर अब इस गीत के स्वर उन्हें चुभ नहीं रहे थे और दोनों एक दूसरे के साथ डिनर की तयारी करने लगे. इस बरात और शादी  ने उनकी भी शादी बचा ली थी.

कभी कभी पति पत्नी के अहंकार टकरा जाते हैं और वे एक दूसरे के सामने झुकना नहीं चाहते. वे विवाद करते रहते हैं,लेकिन जब वे वास्तव में अलग हो जाने की सोचते हैं तो उन्हें लगता है कि यह उनकी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी भूल होगी. विवाद को शुरू में ही बढ़ने मत दीजिये, लोग आपके विवादों का आनंद लेते हैं और सिर्फ और सिर्फ आप और आप के परिवार के लोग ही उन विवादों के कष्ट को झेलते हैं क्यों न अपने आपस के विवाद भुला दिए जाएँ और उसके स्थान पर खुशियों भरी जिंदगी को चुने. आपके अलावा कौन है जो आपको खुश होने से रोकता है? तो फिर आप अपने खुशियों पर खुद ही ताला क्यों लगाए बैठे हैं? हल पल खुशगवार है,आप खुशियां ढूंढ कर तो देखिये.

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